वास्तु क्या है?
वास्तु एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो हमें घर, दुकान, ऑफिस, और अन्य जगहों को सही तरीके से बनाने और सजाने के नियम सिखाता है। इसका मकसद यह है कि हमारे आस-पास सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे और हमारा जीवन सुखी और समृद्ध हो। वास्तु पांच प्राकृतिक तत्वों – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश – के बीच तालमेल बैठाने का तरीका है।
वास्तु क्यों ज़रूरी है?
वास्तु का सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ता है। अगर घर सही तरीके से बना हो, तो उसमें रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य, धन और रिश्ते बेहतर रहते हैं। आइए जानते हैं कि वास्तु का पालन करने से क्या फायदे मिलते हैं:

- सकारात्मक ऊर्जा: घर में सही दिशा और सही सामान रखने से पॉजिटिव वाइब्स आती हैं।
- अच्छा स्वास्थ्य: वास्तु के अनुसार बना घर बीमारियों को दूर रखने में मदद करता है।
- धन की वृद्धि: घर में धन और संपत्ति स्थिर रहती है।
- मानसिक शांति: वास्तु से घर का माहौल शांत और खुशनुमा रहता है।
- रिश्तों में मिठास: परिवार के सदस्यों में प्यार और सामंजस्य बना रहता है।
वास्तु के आसान नियम
1. मुख्य दरवाजा (Main Door)
- मुख्य दरवाजा उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में होना सबसे अच्छा माना जाता है।
- दरवाजा साफ-सुथरा और चमकदार रखें।
- दरवाजे के पास टूटे हुए सामान या जूते-चप्पल न रखें।
2. रसोई (Kitchen)
- रसोई को दक्षिण-पूर्व (East-South) दिशा में बनवाएं।
- खाना बनाते समय आपका मुंह हमेशा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
- रसोई में गैस चूल्हा और पानी की जगह अलग-अलग दिशा में रखें।
3. सोने का कमरा (Bedroom)
- बेडरूम हमेशा दक्षिण-पश्चिम (South-West) दिशा में होना चाहिए।
- सोते समय सिर को दक्षिण दिशा में और पैर उत्तर दिशा में रखें।
- बेड के सामने शीशा न लगाएं।
4. पूजा घर (Puja Room)
- पूजा घर को उत्तर-पूर्व (North-East) दिशा में बनाएं।
- भगवान की मूर्तियों का मुख पश्चिम या उत्तर दिशा की ओर रखें।
- पूजा घर को हमेशा साफ-सुथरा रखें।
5. बाथरूम (Bathroom)
- बाथरूम को पश्चिम या दक्षिण दिशा में बनाएं।
- नहाने का पानी उत्तर-पूर्व दिशा में बहना चाहिए।
- बाथरूम और किचन के दरवाजे एक-दूसरे के सामने न हों।
6. ड्राइंग रूम (Living Room)
- ड्राइंग रूम को उत्तर या पूर्व दिशा में रखें।
- बैठने के लिए सोफा दक्षिण या पश्चिम दीवार के पास रखें।
- दीवारों पर हल्के रंग का पेंट करवाएं।
वास्तु से जुड़े छोटे-छोटे सुझाव
- घर के मुख्य दरवाजे पर शुभ चिन्ह, जैसे स्वस्तिक या ओम का निशान बनाएं।
- घर में मनी प्लांट या तुलसी का पौधा लगाएं।
- घर में टूटी हुई घड़ियां, फर्नीचर और दर्पण न रखें।
- दीवारों पर भगवान की तस्वीरें उत्तर या पूर्व दिशा में लगाएं।
- घर में फालतू सामान इकठ्ठा न होने दें।

घर के वास्तु दोष को ठीक करने के उपाय
कभी-कभी घर पहले से बना हुआ होता है, और उसमें वास्तु दोष रह जाते हैं। इन्हें ठीक करने के लिए कुछ सरल उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- मुख्य दरवाजे का वास्तु दोष: दरवाजे पर तोरण और शुभ चिन्ह लगाएं।
- रसोई का वास्तु दोष: अगर रसोई गलत दिशा में है, तो वहां भगवान का छोटा मंदिर बना सकते हैं।
- बेडरूम का वास्तु दोष: कमरे में हल्के रंग के पर्दे और बिस्तर का उपयोग करें।
- पानी का वास्तु दोष: पानी का बहाव उत्तर-पूर्व दिशा की ओर रखें।
- शीशे का वास्तु दोष: बेडरूम में शीशा लगाना जरूरी हो, तो उसे पर्दे से ढककर रखें।
वास्तु के फायदे
- सुखी और शांत जीवन: वास्तु नियमों का पालन करने से मन को शांति मिलती है।
- काम में तरक्की: सही दिशा में बना ऑफिस या दुकान आपके काम में उन्नति लाता है।
- रिश्तों में सुधार: परिवार के सदस्यों में झगड़े कम होते हैं।
- धन का प्रवाह: घर में पैसों की कमी नहीं रहती।
वास्तु के अनुसार कौन-कौन सी चीजें रखें?
- तुलसी का पौधा: यह घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
- लाफिंग बुद्धा: यह धन और खुशहाली का प्रतीक है।
- पानी का फव्वारा: यह घर की धन वृद्धि में सहायक होता है।
- शंख और घंटी: इनसे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
वास्तु का पालन क्यों करें?
- यह आपके जीवन में संतुलन लाता है।
- घर को वास्तु के अनुसार बनाने से छोटी-छोटी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
- यह जीवन में सफलता, स्वास्थ्य और समृद्धि लाने में मदद करता है।
वास्तु शास्त्र एक आसान और कारगर तरीका है, जो हमारे घर और जीवन को बेहतर बना सकता है। अगर आप वास्तु के इन सरल और प्रभावी नियमों का पालन करेंगे, तो आपका घर खुशहाल और सुख-शांति से भरा रहेगा।
तो आज ही से वास्तु के नियम अपनाएं और अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भरें।